ये जमाना |Ye Jamana Hindi Poem| Love Poem

जमाने की भिड में रहती हूँ,
पर पहचानता मुझे मेरे सिवा कोई नहीं…

सभी कहते हैं वो मेरे करीब है,
पर मेरे सिवाए मुझे जानता कोई नहीं…

सबके साथ चलती रहती हूं,
पर देखता मुझे मेरे अलावा कोई नहीं…

कहने को तो सौ बातें कहती हूं,
पर मुझे सुनता मेरे अलावा कोई नहीं…

जीते तो है कई लोग मेरे साथ,
पर जिंदगी में मेरी मेरे अलावा कोई नहीं…!!

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