प्रकृति की छटा😊🌿| Shade of nature | Hindi poem on nature

हरी-भरी वादियों में घुली सुगंध, मधुर गीत गाती है हवाओं में पवन। सूरज की किरणों से सजी है धरा, प्रकृति की सृष्टि में बसी हरियाली की छटा।

निर्मल जलधारा बहती है गंग, कल-कल की ध्वनि में छुपी मधुर तरंग। नदियों का नाद और झरनों का गान, प्रकृति का अद्भुत संगीत, सजी है सृष्टि महान।

पेड़ों की छाया में छुपा ठंडक का अहसास, पंछियों का कलरव, कुदरत का उपहार। फूलों की महक से महकती बगिया, सतरंगी पंखों वाली तितलियों का गीत सजीव किया।

आकाश में बादलों का नर्तन, बरसात की फुहारों का अद्भुत संगम। मेघों की गरज और बिजली की कड़क, प्रकृति के करिश्मे का अनुपम अंश।

सागर की लहरें जब किनारों को छूतीं, सृष्टि की गहराई का आभास देतीं। रेत के कणों में छुपी है धरती की कहानी, समुद्र की लहरों में झलकती है समय की निशानी।

पर्वतों की ऊँचाईयों में बसी है आशा, बर्फ से ढकी चोटियों की विशालता का भान। धरती की गोद में बसा है ये जीवन, प्रकृति के हर अंग में छुपा है सौंदर्य महान।

वन्यजीवों की दुनिया में बसा है रहस्य, जंगलों में गूंजती है जीवों की धुन। हर प्राणी में बसा है जीवन का सार, प्रकृति के हर रूप में छुपा है जीवन का प्यार।

चाँदनी रात में तारे टिमटिमाते, सृष्टि की सुंदरता को और बढ़ाते। चाँद की चाँदनी में बसी है शांति, प्रकृति के हर क्षण में छुपी है अलौकिक प्रीति।

प्रकृति की छटा है अद्भुत और निराली, धरती के हर कण में बसी है अनंत प्रेम की लाली। हर रंग, हर रूप में बसी है इसकी कहानी, प्रकृति के हर अंश में बसी है जीवन की निशानी।

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जीवन की धारा में बसा है ये आनंद, प्रकृति के आँगन में है खुशी का प्रांगण। धरती की गोद में बसी है जीवन की काव्य, प्रकृति की छटा है अनमोल और सजीव।

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